Thursday 24 March 2016

मेरे भैंस को डंडा क्यूँ मारा

 भैंसोंको भी पता चल ही गया की कोई उनकी तरफसे भी खडा होता है। यकीन न हो तो इस गानेको  देख और सुन लीजिये।
https://www.youtube.com/watch?v=gP4jHdxko4g

अब भैंसे भी बेजुबान नही रही। एक भैंस ने उसकी व्यथा वॉट्स अॅप पर इस तरह पेश की है। इस लेख के मूल लेखक को धन्यवाद देकर उसकी अनुमती के लिये प्रार्थना करता हूँ।

🐃 एक भैंस की दर्द भरी दास्तान :-

बच्चा जब थोड़ा बड़ा होता है, दूध मेरा पीता है !
वो भी बोर्नविटा डाल डाल कर !
और निबंध लिखने के लिये दूसरे जानवर क्यों ??

यदि बच्चा लिख नहीं पाता,
तो बोलते है "काला अक्षर भैंस बराबर"
तो क्या दूसरे जानवर पोस्ट ग्रेजुएट हैं ??

यदि कोई गलती करे तो लोग कहते हैं "गयी भैंस पानी में।"
अजी हम पानीमें जाये तो भी हमने किसका क्या बिगाड़ा है ?
गलती कोई दूसरा करे और बदनामी हमारी होती है !!

हम भी अन्य सब जानवरों की तरह ही हैं !
फिर भी इतना ज्यादा भेद-भाव झेलते हैं !
ग से गाय
ब से बंदर
ऊ से ऊल्लू  पढाया जाता है, तो फ़िर
भ से भैंस लिखने में आपका क्या जाता है ??

हमारा दूध पीकर हमसे ही गद्दारी !
कोईं औरत सीधी हो तो उसकी गाय से तुलना करते हो, और मोटी हो तो भैंस ??

हम पर जुल्म अलग !
यदि कोईं जंगली जानवर को मार दे, तो सजा दी जाती है !
और यदि हमको मार दे, तो कुछ नहीं !
उल्टा पूछते हैं "हमने कौन सी तुम्हारी भैंस मारी है"।

और तो और यदि कोईं बीच रास्ते में खड़ा हो जाए,
तो कहते हो कि "क्या भैंस के जैसा खड़ा है?"

हमारी मेजोरिटी के बारे में आप सब जानते हैं !
जिस दिन धरना प्रदर्शन कर देंगें,
होटलों से लेकर पाँच सितारा तक सब हिला के रख देंगें !!

हमारा केवल यही निवेदन है कि
हमें भी अन्य जानवरों जैसा ही मान सम्मान मिले !
हम पर फब्तियाँ कसना बंद हो !
अन्यथा,
दही, मावे की मिठाईयाँ, पनीर की सब्जियाँ, केशरिया दूध,
और भी सैकड़ों आयटम हैं,
सब भूल जाओ !!

केजरीवाल से बात हो गई है !
एक दिन गाय का दूध और एक दिन भैंस का दूध दिल्ली में.
फिर मिलेंगे धरना स्थल "राम लीला मैदान" पर

हमारे साथ ये असहिष्णुता बंद हो।

😊🐃😀🐃😃🐃😊🐃😀🐃😃🐃😊🐃😀🐃😃🐃


भैंसोंकी के बारेमें और भी कुछ यहाँ  भैंसचालीसा में पढियेगा ।
http://www.fulldhamaal.com/sher-o-shayari/%e0%a4%85%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%99%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ad%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%b8-akal-badi-ki-bhains-33459.htm

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