Saturday 20 September 2014

रिश्ते या पतंग की डोर

बाप पतंग उड़ा रहा था बेटा ध्यान से देख रहा था। थोड़ी देर बाद बेटा बोला, "पापा ये धागे की वजह से पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है इसे तोड़ दो।"
बाप ने धागा तोड़ दिया, पतंग थोडा सा और ऊपर गई और उसके बाद नीचे आ गई।
तब बाप ने बेटे को समझाया, "बेटा जिंदगी में हम जिस ऊँचाई पर है, हमें अक्सर लगता है की कई चीजे हमें और ऊपर जाने से रोक रही है। जैसे घर, परिवार, अनुशासन, दोस्ती, और हम उनसे आजाद होना चाहते है।
मगर यही चीज होती है जो हमें उस ऊँचाई पर बना के रखती है। उन चीजों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे, मगर बाद में हमारा वो ही हश्र होगा, जो पतंग का हुआ। इसलिए जिंदगी में कभी भी अनुशासन का, घर का, परिवार का, दोस्तों का, रिश्ता कभी मत तोड़ना।"



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