Saturday 1 February 2014

वाह क्या बाते कही हैं?

मानवी जिंदगी के बारेमे लिखी हुयी ये बातें आपने अलग अलग सुनी या पढी होगी। किसीने उनका अच्छा संकलन किया है।

ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता;
जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता;
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना;
क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता।
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जिंदगी में दो चीज़ें हमेशा टूटने के लिए ही होती हैं:
"सांस और साथ"
सांस टूटने से तो इंसान एकही बार मरता है;
पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है।
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जीवन का सबसे बड़ा अपराध -
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना।
और
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि -
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।
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जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता;
जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।
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जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है;
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।
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मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता;
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।
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दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।
जैसे: दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता।
        पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते।
       सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता।
       फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों?
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।
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मांगो तो अपने रब से मांगो;
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत;
लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना;
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।
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कभी भी 'कामयाबी' को दिमाग और 'नकामी' को दिल में जगह नहीं देनी चाहिए।
क्योंकि, कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में मायूसी पैदा करती है।
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कौन देता है उम्र भर का सहारा?
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते
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