मुंबईमे कभी जाडेके मौसममे बारिश नही होती। मगर कैसे हुवा, क्यों हुवा, क्या खबर, कल अचानकसे कुछ बूँदाबाँदी हो गयी इसपर कुछ कविओंने दो चार लाइणा बनाकर मोबाईलमे और फेसबुकमे मेसेज भेज दिये ।
*क्या लंबी रात थी.. विंटर में सोए,
और मान्सूमें जागे..
*जून में कभी होली नहीं होती
मे में कभी दिवाली नहीं होती
कोई प्यार भरा दिल रोया होगा
वरना जानेवारी में कभी बारिश नहीं होती
*हमें क्या पता था, मौसम ऐसे रो पडेगा
हमनें तो बस अपनी सॅलरी स्लिप दिखाई थी आसमान को..
आज सुबह भगवानने दबंग पिक्चर देखी और वो बोले,
'आज ऐसा मौसम बनाएंगे की, कन्फ्युज हो जाओगे.. स्वेटर पहने या रेनकोट!!!'
*क्या लंबी रात थी.. विंटर में सोए,
और मान्सूमें जागे..
*जून में कभी होली नहीं होती
मे में कभी दिवाली नहीं होती
कोई प्यार भरा दिल रोया होगा
वरना जानेवारी में कभी बारिश नहीं होती
*हमें क्या पता था, मौसम ऐसे रो पडेगा
हमनें तो बस अपनी सॅलरी स्लिप दिखाई थी आसमान को..
आज सुबह भगवानने दबंग पिक्चर देखी और वो बोले,
'आज ऐसा मौसम बनाएंगे की, कन्फ्युज हो जाओगे.. स्वेटर पहने या रेनकोट!!!'
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